बचपन की बातें | Kavita Bachpan ki Baatein
बचपन की बातें! ( Bachpan ki baatein ) सुनाओ कोई फिर बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें। दरख्तों की छाँव में होती थीं बातें, बड़े ही मजे से चलती थीं साँसें। दुआएँ बड़ों की मिलती थी हमको, नाजो-अदा न उठानी थी हमको। कागज की कश्ती वो बारिश का पानी, आओ…