Kavita Baisakhi ka Parv

वैसाखी का पर्व सुहाना | Kavita Baisakhi ka Parv

वैसाखी का पर्व सुहाना ( Baisakhi ka Parv Suhana )   खेतों में खड़ी फ़सलें पक गई हैं, सबके घरों में ख़ुशियाँ चहक रही हैं; आओ, मिलकर छेड़े कोई मधुर तराना देखो,आ गया वैसाखी का यह पर्व सुहाना । मेला घुमने जा रहे हैं सब सज-सँवरकर, सुंदर बालाएँ चलती ज़रा-सी इठलाकर; बच्चों की मुस्कान-सा, प्रकृति…