चल छोड़ दे दारू | Kavita chal chhod de daru
चल छोड़ दे दारू ( Chal chhod de daru ) चल छोड़ दे दारू जरा तू फोड़ दे बोतल। मत लड़खड़ा प्यारे संभल संभल के चल। करना है नशा तो कर जरा तू स्वाभिमान का। धरती का लाल सपूत अन्नदाता किसान सा। अभिमान का त्याग करके संभाल अपनों को। शुभ कर्म कर संसार में…