दादी माँ की मन्नत | Kavita Dadi Maa ki Mannat
दादी माँ की मन्नत ( Dadi maa ki mannat ) माॅंगी जो हमनें मन्नत एक, रखना ईश्वर हम सबको एक। यह बैर किसी से हो नही पाएं, प्रेम-भाव से रहे हम सब सारे।। जैसे गुज़रें है अब तक दिन, आगे भी गुज़रें ऐसे ही दिन। सब कुछ दिया है आपने ईश्वर, आगे भी कृपा…