होली पुरानी | Kavita Holi Purani
होली पुरानी ( Holi Purani ) याद है वो होली मुझको। बीच गांव में एक ताल था, ताल किनारे देवी मन्दिर, मन्दिर से सटी विस्तृत चौपाल, जहां बैठकर बुजुर्ग गांव के, सुलझा देते विवाद गांव के, फिर नाऊठाकुर काका का, आबालवृद्ध के मस्तक पर, पहला अबीर तब लगता था, फिर दौर पान का चलता…