ईश्वर की मर्जी | Kavita Ishwar Ki Marzi
ईश्वर की मर्जी ( Ishwar Ki Marzi ) ईश्वर की मर्जी के आगे, कहाँ किसी की चलती है। विधि मिटे ना भाग्य बदलता, होनी तो होकर रहती हैं। सीता हरण हुआ राघव का,वधू वियोग पहले से तय था, दश आनन को मारा जाना, राम के हाथों ही निश्चय था। श्रवण मरे…