Kavita Khwabon mein Jalayegi

ख्वाबों में जलाएगी | Kavita Khwabon mein Jalayegi

ख्वाबों में जलाएगी! ( Khwabon mein Jalayegi )    ये जिस्म नहीं है बस आग बुझाने के लिए, अंतिम है इसका लक्ष्य मोक्ष पाने के लिए। अपनों से जंग बताओ कोई क्या लड़ेगा, अगर करो भी सौदा तो हार जाने के लिए। होता है गम बाढ़ के पानी के जैसा दोस्तों, बस साँसें टिकाए रखो…