तिरलोकी को नाथ सांवरो

कृष्णा | Krishna par Kavita

कृष्णा ( Krishna ) कारावास में जन्म लिए जो था उन्हीं का वंश कर्मों का फल भोगने को विवश था कृष्ण और कंश । बालापन में खूब खेलते करते थे खूब शरारत उम्र के साथ सीखाए करना रासलीला और महाभारत । राधा के पीछे खूब भागते वो था ना चरित्र हीन अदृश्य होकर लाज बचाए…

Kavita Krishna

कृष्ण | Kavita Krishna

कृष्ण ( Krishna )     नयन भर पी लेने दे, प्रेम सुधा की साँवली सूरत। जनम तर जाएगा हुंकार,श्याम की मोहनी मूरत।   ठुमक  कर  चले  पाँव  पैजनी, कमर करधनियाँ बाँधे, लकुटी ले कमलनयन कजराजे,मोरध्वंज सिर पे बाँधे।   करत लीलाधर लीला मार पुतना, हँसत बिहारी। सुदर्शन चक्रधारी बालक बन,दानव दंत निखारी।   जगत…

रण में केशव आ जाओ

रण में केशव आ जाओ | Kavita

रण में केशव आ जाओ ( Ran mein keshav aa jao )   चक्र सुदर्शन धारण करके अब रण में केशब आ जाओ जग सारा लड़ रहा अरि से विजय पताका जग फहरावो   साहस संबल भरके उर में जन जन का कल्याण करो सब  को  जीवन  देने वाले माधव  सबके  कष्ट  हरो   हर…