Kavita main aurat hoon

मैं औरत हूँ | Kavita main aurat hoon

मैं औरत हूँ ( Main aurat hoon )   मैं औरत हूँ मैं नारी हूँ मैं न चाहूँ मंदिरों में ग्रंथों में मैं पूजी जाऊँ   मैं तो बस इतना चाहूँ दिलों में सबके मैं बस जाऊँ   माधुर्य, ममता की मूरत कहलाऊँ धरती समान ‘गर जननी हूँ तो उसकी तरह न मैं रौंधी जाऊँ…