Kavita Man to Man Hai

मन तो मन है | Kavita Man to Man Hai

मन तो मन है ( Man to Man Hai ) मन तो मन है, पर मेरे मन! मान, न कर नादानी। वल्गाहीन तुरंग सदृश तू, चले राह मनमानी। रे मन! मान, न कर नादानी। सुख सपनों की मृग मरीचिका, का है यह जग पानी। प्रतिक्षण जीवन घटता जाये, मोह त्याग अभिमानी। रे मन! मान, न…