Kavita Nari Man

नारी मन | Kavita Nari Man

नारी मन ( Nari Man )   नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण परम माध्य सृष्टि सृजन, परिवार समाज अनूप कड़ी । सदा उत्सर्गी सोच व्यंजना, पर आनंद हित सावन झड़ी । संवाहिका संस्कृति परंपरा, अग्र पाद धर्म आस्था तर्पण । नारी मन, प्रेम का दिव्य दर्पण ।। मृदुल मधुर अंतर भाव, नैसर्गिकता अंग प्रत्यंग…