Kavita Neh ki Komalta

नेह की कोमलता | Kavita Neh ki Komalta

नेह की कोमलता ( Neh ki komalta )   नेह ने कोमल बनाकर,वेदना को चुन लिया है, चाह में हिय ने विकल हो,कामना को बुन लिया है। भावना की धार अविरल, गुनगुनाती बह रही है, प्रीति की अनुपम धरोहर, मीत से कुछ कह रही है। आज यादों के झरोखे, अनमने से खुल रहें हैं, शांत…