नई पीढ़ी न कतराए अखबार से || kavita on news
नई पीढ़ी न कतराए अखबार से ( Nai Pidhi Na Katraye Akhbar Se ) नई पीढ़ी को अखबार नहीं भाते पढ़ने से हैं कतराते जाने क्या हो गया है इन्हें? पढ़ना ही नहीं चाहते! एक हम थे पैसे भी नहीं थे फिर भी थी एक दीवानगी अखबार के प्रति जो अहले सुबह चाय की…