नियति | Poem niyati
नियति ( Niyati ) नियति ने क्या खेल रचाया हे ईश्वर ये कैसी माया कहर बन कोरोना आया कांपी दुनिया घर बैठाया नीति नियम तोड़े न जाते कुदरत का पार न पाते डोर थामे ऊपर वाला कठपुतली सा नाच नचाते सुखों का सागर उमड़े कहीं दुखों की गिरती गाज विधि का विधान…