वृक्ष हमारे तुम संरक्षक हो
वृक्ष हमारे तुम संरक्षक हो वृक्ष हमारे तुम संरक्षक होहरे भरे हो खड़े हो सीना ताने।भव्य शस्यश्यामल है रूप तिसारा,लगते कोई हमारे शुभ चिंतक हो।घने घने हरे भरे पत्तों से सुशोभित,थलचर -नभचर को आश्रय देते-हो।शीतल छांव तुम्हारी देती आश्रय,हर प्राणी हर चर अचर को।सकल ब्रम्हांड में हो जय जयकार तुम्हारी,वृक्ष तुम मित्र हो, है तुम्हारी…