परिकल्पना | Kavita parikalpana
परिकल्पना ( Parikalpana ) बाइस में योगी आए हैं, चौबीस में मोदी आएगे। भारत फिर हो विश्व गुरू,हम ऐसा अलख जगाएगे। सदियों की अभिलाषा हैं, हर मन में दीप जगाएगे, हूंक नही हुंकार लिए हम, भगवा ध्वज लहराएगे। सुप्त हो रहे हिन्दू मन में, फिर से रिद्धम जगाएगे। जाति पंथ का भेद…