Kavita pudiya ka nasha

पुड़िया का नशा | Kavita pudiya ka nasha

पुड़िया का नशा ( Pudiya ka nasha )   पुड़िया खा मुंह भरे गुटखा का रसपान सड़क दीवारें हो गई अब तो पिक दान   दंत सारे सड़ने लगे उपजे कई विकार दिनभर खर्चा ये करे रसिक पुड़ियादार   मुंह तो खुलता नहीं आदत पड़ी बेकार समझाए समझे नहीं छोड़ो नशा अब यार   फैशन…