राम विवाह | Ram vivah kavita
राम विवाह ( Ram vivah : kavita ) टूट चुका धनुष शिव का तोड़े रामचंद्र अवतारी है सीताजी का हुआ स्वयंवर हर्षित दुनिया सारी है देश देश से राजा आए दरबार भर गया सारा था धनुष उठा सके नहीं जो शिव शक्ति से भारी था विश्वामित्र कहे राम से सब जनक राज…