साथ दो तुम अगर | Kavita Saath do Tum Agar
साथ दो तुम अगर ( Saath do tum agar ) साथ दो तुम हमारा अगर, जिन्दगी भर बन हमसफ़र। चाहे वक्त की हो कई मार, बनके रहना कश्ती पतवार।। देना सारे मुझको अधिकार, कभी न छोड़ना तू मझदार। स्नेह बरसाना व देना प्यार, बनकर रहना तू समझदार।। कर्म होता जीवन का सार, और कर्म…