खुशियाँ की छांव | Khushiyon ki chhaon ghazal
खुशियाँ की छांव ( Khushiyon ki chhaon ) जीस्त से खुशियाँ की छांव ज़ख्मी रही रोज़ ग़म की बहुत धूप आती रही दुश्मनी पे उतर आया है आज वो दोस्ती जिससे ही रोज़ गहरी रही देखा है रोज़ जिसको वफ़ा की नज़र गैर आँखें मुझसे रोज़ करती रही साथ देती…