क्यों गले से लगाया मुझे | Kyon ki Shayari
क्यों गले से लगाया मुझे ( Kyon gale se lagaya mujhe ) ख़्वाब से जब जगाया मुझे उसने गमगीन पाया मुझे वो सितमगर बहुत देर तक देखकर मुस्कुराया मुझे कोई मंज़िल न रस्ता कोई दिल कहां लेके आया मुझे खुद न लैला बनी उसने पर एक मजनूं बनाया मुझे जब बिछड़ना जरूरी था फिर…