कविताएँ लोग | Log ByAdmin February 10, 2024 लोग ( Log ) जिंदा रहने के नाम पर, केवल जी रहे हैं लोग मिलने के नाम पर, केवल मिल रहे हैं लोग बेवफाई का आलम यह, खुदे से ही खुद को छल रहे हैं लोग यकीन करें किस पर, मतलबी शहर के बीच अपना कहकर, अपनों का ही गला घोट रहे हैं लोग…