माँ | Maa par ek kavita
माँ ( Maa par ek kavita ) माँ तेरी ममता की छाया, पली बढ़ी और युवा हुई, निखर कर बनी सुहागन, माँ बनकर,पाया तेरी काया।। अब जानी माँ क्या होती? सुख-दुःख की छाया होती । माँ के बिना जहाँ अधूरा, माँ है तो सारा जहाँ हमारा ।। माँ हीं शक्ति, माँ हीं…