मन मंदिर में दीप ज्योति जलाता रहा | Man Mandir Mein
मन मंदिर में दीप ज्योति जलाता रहा ( Man mandir mein deep jyoti jalta raha ) हवन करते हाथ खुद का जलाता रहा। घाटे का लेकर सौदा मैं मुस्कुराता रहा। ठगती रही मुझे दुनिया मैं ठगाता रहा। प्यार के मोती लेकर मैं यूं लुटाता रहा। सद्भावों की गंगा मै नित बहाता रहा। तूफानों भरी…