Mazloom Shayari

मज़लूम हूँ मैं | Mazloom Shayari

मज़लूम हूँ मैं ( Mazloom hoon main )   मुझे ऐ ख़ुदा जालिमों से बचा लें कोई फ़ैसला जल्द ही अब ख़ुदा लें कभी बददुआ कुछ बिगाड़ेगी न तेरा हमेशा ही माँ बाप की बस दुआ लें फंसा देगा कोई झूठे केस में ही यहाँ राज़ दिल के सभी से छुपा लें किसी से न…