मेरी चाहत | Meri chaahat
मेरी चाहत ( Meri chaahat ) परखने की कोशिश तो सभी ने की समझना किसी ने न चाहा गुजर गई जिंदगी इम्तिहान में मगर अब फर्क नहीं पड़ता की कौन क्या समझता है मुझे मैं स्वयं में सत्य निष्ठ हूं और संतुष्ट भी ना लोभ है ना उम्मीद की लालसा मिले सम्मान या अपमान…