Meri Prarthana

मेरी प्रार्थना | Meri Prarthana

प्रार्थना ( Prarthana )    पर्वत  घाटी  ऋतु  वसंत  में नभ थल जल में दिग्दिगंत में भक्ति  भाव  और अंतर्मन में सदा  निरंतर  आदि  अंत  में             युगों युगों तक तुम्हीं अजेय हो,           कण-कण में ही  तुम्हीं बसे हो।   सृष्टि  दृष्टि  हर  दिव्य  गुणों में स्वर  अक्षर  हर  शब्द धुनों में हम …