मुहब्बत न जाने | Muhabbat na Jaane
मुहब्बत न जाने ( Muhabbat na jaane ) करेगा मुहब्बत शराफत न जाने परस्तिश इबादत अकीदत न जाने। मिरा दिल चुराया उसी आदमी की चली क्यूं सदा बादशाहत न जाने। किया नाम दिल है उसी के मगर क्यूं वही एक अपनी वसीयत न जाने। नज़र आ गया ईद का चांद लेकिन दिखे कब तलक…