न जाने क्यों साथ वो छोड़ते रहे मेरा | Ghazal
न जाने क्यों साथ वो छोड़ते रहे मेरा ( Na jane kyon sath wo chhodte rahe mera ) न जाने क्यों साथ वो छोड़ते रहे मेरा मुहब्बत से दिल भरा तोड़ते रहे मेरा नहीं पूछा हाले दिल भी मगर मेरा उसनें वो पास फ़ोन बैठे छेड़ते रहे मेरा गुलाब देते रहे प्यार…