Nari shakti ki kavita

वो एक अकेली शेरनी | Nari shakti ki kavita

वो एक अकेली शेरनी ( Wo ek akeli sherni )      उस वक्त लगा लेना चाहिए उस नारी का अंदाजा, निकाह या विवाह हो कितने लोग लेनें को जाता। अपनें ही व्यवहार से सबकें दिल में जगह बनाती, वो एक अकेली शेरनी कुटुंब छोड़कर संग आती।।   अगर न होती ये पाॅंचो लक्ष्मी रुपणी…