ओम प्रकाश लववंशी की कविताएं | Om Prakash Lovevanshi Hindi Poetry
तू चल तू अनजान भले हो पर तू चल चाहे राह तेरी टेढ़ी हो या सरल पर तू चल, चलेगा तो होगा सफल बैठकर यूं ही क्या निकलेगा हल, जिंदगी में उलझने तो आना ही है, आज नहीं तो कल मंजिल पाना ही है। और तूने खुली आँखों में सपने बुने हैं, ख्वाबों वाले सपने…