Pita kavita

पिता | Pita kavita

पिता ( Pita )   खुशियों का खजाना है, वो प्यार का सागर है। सर पर ठंडी छाया, पिता प्रेम की गागर है।   गोद में लेकर हमको, दुनिया दिखलाते जो। अंगुली पकड़ हमारी, चलना सीखलाते वो।   तुतलाती बोली को, शब्दों का ज्ञान दिया। ठोकर खाई जब भी, हमको थाम लिया।   जब जब…