मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना | Poem aazma kar dekh lena
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना ( Mujhko kabhi bhi aazma kar dekh lena ) मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना। हो सके मुझसे दिल लगा कर देख लेना।। एक पल भी मुझसे दूर नहीं रह पाओगे। कितना भी फासला बना कर देख लेना।। चाहे लाख नज़रें भी चुराओ…