साम्प्रदायिकता | Sampradayikta kavita
साम्प्रदायिकता ( Sampradayikta : Hindi Poem) है, अंधी विषकन्या इसकी आँधी जब जहां चली, छोड़ती गई विनाश, गहरे दाग, मरघट सा सन्नाटा !! सम्प्रदायिकता की खेती की जाती है !! मंदिर , मस्जिद, गिरिजाघर एवं गुरुद्वारों में, इसके लिए आवश्यकता होती है.. झूठे नारों एवं अफवाहों की !! तभी तो इनका प्रयोग किया जाता…