Poem in Hindi on Nari | नारी
नारी ( Nari ) नारी प्यासी प्रेम की, वो चाहे सबका मान रूखी सूखी से संतुष्ट है,मांगे बस सम्मान पूरे घर का भर उठाए,जूझे दिन और रात रहे न थकान तब,जब सुनती मीठी बात करुणा,दया,क्षमा और,है ममता की खान नारी प्रथम पूज्य है,झुके शीश भगवान कुछ नर पापी अधम नीच,खींचे नारी चीर डूबे मद…