Poem Nazron ke Paimano | पी नज़रों के पैमानों में
पी नज़रों के पैमानों में ( Pee Nazron Ke Paimano Mein ) पी नज़रों के पैमानों में। क्यूं सुख ढूंढे मयखानों में।। जब दिल में ग़म गुलशन फीका। रौनक लगती वीरानों में।। बात चमन के फूलों में जो। बात कहां वो गुलदानों में।। जो शान तेरी महफिल में है।…