भाग्य | Poem on Bhagya
भाग्य ( Bhagya ) भाग्य निखर जाये हमारा जब तकदीरे मुस्काती। ग्रह आकर साथ देते, खुशियों की घड़ी आती। सेवा स्नेह संस्कार हृदय में विनय भाव पलता है। सद्भावो की धारा में, पुष्प भाग्य खिलता है। पुष्प भाग्य खिलता है किस्मत के तारे चमकते, सुखों का लगता अंबार। अनुराग दिलों में पलता, जीवन में…