दहेज | Poem on dowry in Hindi
दहेज ( Dahej ) सोना कहत सोनार से कि,गहना बना द, और उ गहनवा से, गोरी के सजा द। गोरी कहे बाबू से कि, सेनुरा दिला द, सेनुरा के भाव बढल, माहुर मगा द। दुल्हा बिकात बाटे, चौक चौराहा पे, कैसे खरीदे कोई, भीख के कटोरा के। खेतवा बिकाई बाबू ,भाई…