Poem on hey gagan ke chandrama

हे गगन के चंद्रमा | Poem on hey gagan ke chandrama

हे गगन के चंद्रमा ( Hey gagan ke chandrama )   तुम हो गगन के चन्द्रमा, मै हूँ जँमी की धूल। मुझको तुमसे प्रीत है, जो  बन गयी  है शूल।   तेरे  बिन ना कटती राते, दिल  से  मैं मजबूर, हे  गगन  के  चन्द्रमा, तू आ जा बनके फूल।   रात अरू दिन के मिलन…