Poem on kitab

वो एक क़िताब | Poem on kitab

वो एक क़िताब ( Wo ek kitab )      सम्पूर्ण इतिहास समेटकर रखतीं वो एक क़िताब, देश और विदेशों में पहचान बढ़ाती यहीं क़िताब। शक्ल सूरत से कैसे भी हो देती सबको यें सौगात, हर प्रश्न का उत्तर है एवं श्रेष्ठ सलाहकार क़िताब।।   क़िताबें पढ़कर आगें बढ़ता संसार का यें नर नार, भरा…