Prasad par kavita

प्रसाद | भोग | Prasad kavita

प्रसाद | भोग ( Prasad | Bhog )   छप्पन भोग चढ़े सांवरा रुचि रुचि भोग लगाओ। मीरा गाए भजन बैठकर प्यारे माधव मुस्काओ।   भक्ति भाव से भक्त तिहारे मोदक प्रसाद लगाए। माखन मिश्री कृष्णा प्यारा ठुमक ठुमककर खाए।   खीर चूरमा भोग चढ़े जय बजरंगबली हनुमान। संजीवन लेकर पवनसुत लक्ष्मण के बचाए प्राण।…