Poem on Raksha Bandhan in Hindi

अपना रक्षा बंधन | Poem on Raksha Bandhan in Hindi

अपना रक्षा बंधन ( Apna Raksha Bandhan )  राखी के दिन माँ सुबह तड़के उठ जाती थी द्वार पर पूजने को सोन सैवंईयो की खीर बनाती थी लड़कियाँ घर की लक्ष्मी होती हैं इस लिए वह द्वार पूजा हमसे करवाती थी दिन भर रसोई में लग बूआओं की पसंद का खाना बनाने में वो खुद…