रोपया | Poem on rupees in Bhojpuri
” रोपया “ ( Ropya ) रोपया के ना कवनो जात जे के ज्यादा उहे बाप उहे दादा उहे भाई चाहे हो कईसनो कमाई रोपया से समान मिलेला जित धरम अउर शान मिलेला रोपया से सब कुछ खरीदाला कोट कचहरी अउर न्याय बिकाला रोपया में बा अ्इसन बात रोपया के ना कवनो जात रोपया…