Poem Udti Patang si Fitrat

उड़ती पतंग सी फितरत | Poem Udti Patang si Fitrat

उड़ती पतंग सी फितरत ( Udti patang si fitrat )    व्योम तलक उड़ाने उंची आसमां तक छा जाऊं। मन करता दुनिया घूम लूं पंख लगा उड़ पाऊं। उड़ती पतंग सी फितरत डोर को थामे रखना। दुनिया के रंग निराले खुशियों की शामे रखना। उड़ती रहे नील गगन में विविध भांति रंग लिए। अटकलें आसमानों…