Prem ras kavita

अंतिम सांस तक | Prem ras kavita

अंतिम सांस तक ( Antim saans tak )     सोनू से प्रेम है उससे मुझे प्रेम है कुछ-कुछ स्वर्णाभ अक्षत सा है….. कुन्दन सा खरा शाश्वत है स्वयं से प्रकाशित आभाषित ईश्वरत्व की सत्यता जैसा जो हमारे प्रेम पर आकर रुक जाती है और बस रुकी ही रहती है       अंतिम साँस तक ……………….

मैं चाहता हूं बस तुमसे

मैं चाहता हूं बस तुमसे | Prem kavita in Hindi

   मैं चाहता हूं बस तुमसे ( Main chahta hun bas tumse )   मैं चाहता हूं बस तुमसे थोड़ा सा प्यार थोड़ा-सा मन थोड़ा-सा सुकून थोड़ा-सा अहसास।   मैं तुमसे चाहता हूं बस थोड़ी-सी हँसी थोड़ी-सी खुशी थोड़ी-सी बातें थोड़ी-सी शान्ति।   मैं तुमसे चाहता हूं बस थोड़ा-सा दर्द थोड़ा-सी तकलीफ़ थोड़ी-सी बैचेनी थोड़ी-सी…