Prem ki Holi | कविता प्रेम की होली
प्रेम की होली ( Prem Ki Holi ) खेलेंगे हम प्रेम की होली। अरमानों की भरेगी झोली। खुशियों की बारात सजेगी, बिगड़ी सारी बात बनेगी। नोंक-झोंक कुछ हल्की-फुल्की, होगी हॅंसी-ठिठोली। खेलेंगे हम प्रेम की होली। महुए की मदमाती गंध, फूलों की खुशबू के संग। आया है दुल्हा ऋतुराज, चढ़कर फाग की डोली। खेलेंगे…