राजेंद्र रुंगटा

राजेंद्र रुंगटा की कविताएं | Rajendra Rungta Hindi Poetry

चलना तेरा काम क्यों ठहर गई ऐ जिंदगी,बंद हुई हलचल।सन्नाटे में डूबा सब लगता है,सब ठहरा-ठहरा सा लगता है।रसविहीन हुई जिंदगी,चमन उजड़ा सा लगता है lठहरी दरिया,बंद है कल-कल,ठहरी-ठहरी सी हवाएं लगती है।कहां आ गये वीराने में,चल उठ ए जिंदगी।चलना तेरा कामबिना उतार चढ़ाव के,जिंदगी कोई जिंदगी नहीं।बहती दरियाबहती हवाएं शोभायमान होती है।चल ए जिंदगी…