रमाकांत सोनी की कविताएं | Ramakant Soni Hindi Poetry
उजला मन उजले मन में श्रद्धा होगी, भाव भक्ति संचार सखे।धर्म आस्था प्रेम मोती, विश्वास का विस्तार सखे।ना शंका न संशय होगा, विनयशीलता धार सखे।उजले मन में राम बसे, सारे जग के करतार सखे। सुख शांति समृद्धि का, वैभवता बढ़ती भंडार सखे।खुशहाली घर आती, अपनापन बढ़ता प्यार सखे।धन्य हो जाता जीवन, घट उजियारा साकार सखे।दिव्य…