रंग

kavita | रंग | Rango Par Kavita in Hindi

रंग ( Rang )   नयनों से ही रग डाला है, उसने मुझकों लाल। ना  जाने  इस होली में, क्या होगा मेरा हाल।   पिचकारी में रंग भर उसने, रग दी चुनर आज, केसरिया बालम आजा तू,रग कर मुखडा लाल।   धानी  चुनरी  पीली चोली, लंहगे का रंग गुलाब। नयन गुलाबी चाल शराबी, मुखडें से…