Hindi Poetry On Life | Hindi Poem | Hindi Poetry -रिश्ता
रिश्ता ( Rishta ) कैसा रिश्ता,कब का रिश्ता. सब तो है मतलब का रिश्ता. जात,खून,मजहब का रिश्ता, सबसे बढिया रब का रिश्ता. मिलता नहीं अब *ढब* का रिश्ता,(ढंग) गायब प्रेम,अदब का रिश्ता. दौलत और *मनसब*का रिश्ता,(पद/प्रतिष्ठा) है दोनों मेंं गज़ब का रिश्ता. चुंबन से ज्यों *लब*का रिश्ता,(ओठ) निभता दिन और*शब*का रिश्ता।(रात) दृढ़ है नेक*सबब*…